THE WHISTLEBLOWER





अबसे कुछ देर पहले, इंटरनेट पर Dr. Li Wenliang की कहानी पढ़ते समय पता नहीं कब मेरा दिमाग Paulo Coelho के सुप्रसिद्ध उपन्यास 'Alchemist' के एक दृश्य में जा पहुँच, जहाँ कथा के नायक Santiago का सामना एक काले नक़ाबपोश से होता है, जब वह कबीले के सरदारों को लुटेरों के होने वाले संभावित आक्रमण के बारे में आगाह करके लौट रहा होता है। सामना होने पर वह नक़ाबपोश अपनी तलवार तेज़ी से सेंटिआगो के करीब ले जाकर कहता है-  तुम होते कौन हो अल्लाह की मर्ज़ी को बदलने वाले?'

लड़का संभलते हुए कहता है- अल्लाह ने ही यह जहाँ बनाया, मुझे और तुम्हें बनाया। वह अल्लाह ही है जिसने इस कायनात को, उस दुश्मन की सेना को और परिंदों के उस झुंड को ज़िंदगी दी। यहाँ तक की मेरे यहाँ होने और उस आने वाले खतरे के संकेतों को पढ़ने के पीछे भी अल्लाह की मर्ज़ी हैं।

नक़ाबपोश- लेकिन फिर भी क्या तुम अल्लाह की मर्ज़ी को बदल सकते हो?

लड़का- नहीं, मैनें सिर्फ शत्रु की आती हुई सेना और संभावित युद्ध को देखा ना की युद्ध के परिणाम को। और शायद अल्लाह भी चाहता है की युद्ध का परिणाम हमारे पक्ष में हो, इसलिए उसने मुझे यह संकेत दिए।

कुछ इसी तरह आज से लगभग साढ़े तीन महीने पहले Dr. Li भी एक भावी संकट के संकेतों को पढ़ने में सफल रहे थे, जिसका परिणाम आगे चलकर समूची मानवता को भुगतना था। हालांकि सेंटिआगो के उलट Dr. Li के सरदारों ने उनकी इस चेतावनी को अनदेखा कर दिया, जिसका भुगतान अब तक विश्व के 10 लाख से ज़्यादा लोग कर चुके हैं। पर शायद यह उस सर्वशक्तिमान की मर्ज़ी ही है की चीन में एक बार फिर थोड़ी हल्की ही सही पर अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर बहस की नई बयार चली है। हालांकि इसकी सफलता को लेकर   मैं बहुत आशान्वित नहीं हूँ। बात दिसंबर के मध्य से शुरु होती है, जब वुहान के केंद्रीय अस्पताल में 'हुनान सी फूड मार्किट' में मास के व्यापार से संबंध रखने वाले कुछ लोग, खाँसी, ज़ुकाम और बुखार की समस्या लेकर आने शुरु हुए। कुछ अपुष्ठ विवरणों के अनुसार इनकी शुरुआती संख्या 5-7 के बीच थी। आरंभ में वहाँ के सभी डॉक्टर  इसे मात्र सामान्य सर्दी- ज़ुकाम मानकर चल रहे थे सिवाय Dr. Li Wenliang और Dr. Ai Fen के। 34 वर्षीय Dr. Li आरंभ से ही इस मत के थे की यह लोग किसी असामान्य रोग से ग्रसित हैं, जो एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति से संपर्क में आने भर से फैल सकता है।



Dr. Li इस बात के पुरज़ोर पक्षधर थे की इन रोगियों को बाकी रोगियों से अलग रखा जाए ताकि इस बिमारी के फैलाव की गति को थामा जा सके। परंतु दुर्भाग्यवश उस समय इस बात को महत्व ही नहीं दिया गया। दिसंबर में ही Li ने अस्पताल के प्रशासन का भी ध्यान इसकी ओर खींचने का प्रयास किया पर बजाए इसपर कार्यवाही के अधिकारियों ने उन्हें ही इससे दूर रहने की चेतावनी दे डाली। प्रारंभिक जाँच के पश्चात वायरस के विषय में जानकारी प्राप्त होते ही, ली ने अपने मित्र और संबंधियों को इसके प्रति सजग करना शुरु किया। एक ऐसी ही निजी WeChat वार्ता में इस विषय का उल्लेख करते हुए उन्होंने लिखा "हुनान सी फूड मार्किट से कुल 7 लोग इस SARS (Severe Acute Respiratory  Syndrome) से ग्रसित पाए गए हैं'। साथ में उस वार्ता में डॉक्टर ने एक रोगी की CT स्कैन समेत अन्य जाँच रिपोर्टों को भी संलग्नित किया। इसके आलवा उन्होँने कुछ और सन्देश भी भेजे, जिसका अंग्रेज़ी अनुवाद कुछ इस प्रकार है:-


They are being isolated in the emergency department of our hospital's Houhu Hospital District.

(CST 18:42)

Someone: Be careful, or else our chat group might be dismissed.

Li: The latest news is, it has been confirmed that they are coronavirus infections, but the exact virus is being subtyped.

Li: Don't circulate the information outside of this group, tell your family and loved ones to take caution.

Li: In 1937, coronaviruses were first isolated from chicken..


इसी बीच इस वार्ता के कुछ स्क्रीनशॉट्स लीक हो गए और सोशल मीडिया पर वृहद चर्चा का विषय बन गए। इसकी सूचना पाते ही वुहान केंद्रीय अस्पताल के प्रशासकीय विभाग ने डॉ. ली को तलब किया और इस संदर्भ में उनसे स्पष्टीकरण की माँग की। देखते ही देखते मामला पुलिस के भी संज्ञान में पहुँच गया और एक ऐसी ही शिकायत के मद्देनज़र 3 जनवरी को वुहान के विशेष पुलिस दस्ते ने Li से अफ़वाह फैलाने के आरोप में सघन पूछताछ की। पूछताछ के बाद पुलिस में उनसे लिखित में यह आश्वासन माँगा की आगे से वह इस प्रकार की किसी भी 'भ्रामक संदेश' के प्रेषण से दूर रहेंगे।




अंततोगत्वा 34- वर्षीय Dr. Wenliang को इस बात का लिखित में आश्वासन देने के लिए बाध्य होना पड़ा और पुलिस से चेतावनी पाकर हताशा लिए काम पर लौट आए। कुछ दिन बीतने के बाद डॉक्टर के पास ग्लूकोमा की समस्या लिए एक महिला आई, जो वास्तव में कोरोना से संक्रमित थी। इसी महिला के उपचार की प्रक्रिया में डॉक्टर ली भी कोरोना से संक्रमित हो गए। इसके सबसे पहले संकेत 10 जनवरी के आस- पास मिले जब वेंनलियांग के शरीर में अचानक कफ और बुखार की समस्या उत्पन्न हुई। तत्पश्चात उन्हें तुरंत अस्पताल में भरती करवाया गया और जाँच में कोरोना वायरस का संक्रमण सकारत्मक पाया गया। इलाज के दौरान 5 फ़रवरी को अचानक उन्हें साँस लेने में कठिनाई होने लगी, जिसके बाद उन्हें ICU में स्थानांतरित किया गया। करीब 3 घंटे तक उपचार के बाद रात करीब 9:30 बजे उनकी हृदयगति थम गई। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा 7 फरवरी की सुबह करीब 2:58 मिनट पर की गई। इसी बीच डॉ. ली की जनवरी महीने की एक सोशल मीडिया पोस्ट प्रकाश में आ गई, जिसमें उन्होंने अपने पुलिस स्टेशन में घटित अनुभवों का दस्तावेज़ समेत विस्तृत वर्णन किया था। परिणामस्वरूप सोशल मीडिया पर #wewantfreedomofspeech हैशटैग ट्रेंड करने लगा। चीन के कई जाने - माने बुद्धिजीवियों ने आगे आने से इस  मामले में और ज़्यादा हलचल पैदा हुई। बास्केटबॉल प्रेमी Li अपने पीछे एक गर्भवती पत्नी और बेटा छोड़ गए हैं।


अंत में Dr. Li और उनकी कर्तव्यनिष्ठा को श्रद्धापूर्वक नमन । 

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